Miloni Kharbe
2 min readNov 21, 2020

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MUMBAI NEWS- MAHARASHTRA GOVERNMENT ON THE WAY TO OPEN SCHOOLS BUT COVID-19 TEST SHOULD BE DONE FIRST..

कोरोना मरीजों की जांच (फाइल फोटो)

शिक्षकों के मुताबिक, जो शिक्षक कोरोना जांच कराकर रिपोर्ट स्कूल में नहीं जमा करता है, वह स्कूल में हाजिरी नहीं लगा सकता है। ठीक इसी तरह की अनिवार्यता स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों पर होनी चाहिए। यदि 23 नवंबर से पहले स्कूल सैनेटाइज नहीं हो पाते हैं और उनमें स्थानीय प्रशासन की तरफ से थर्मल गन, ऑक्सीमीटर, सैनेटाइजर आदि उपलब्ध नहीं करवाए जाते हैं। ऐसे सभी अधिकारियों को भी जीआर जारी होने की तारीख से गैर हाजिर माना जाना चाहिए।

शिक्षकों की नि:शुल्क कोरोना जांच

मुंबई प्रिंसिपल असोसिएशन के सेक्रेटरी प्रशांत रेडिज ने कहा कि उनके संगठन की मांग पर शिक्षकों की नि:शुल्क कोरोना जांच जारी है। शिक्षकों को यह जांच करवा लेनी चाहिए। उन्होंने बताया कि अब तक लगभग 30 फीसद शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों ने जांच करवा ली है। कई लोगों की रिपोर्ट भी आ चुकी है। उन्होंने कहा कि ‘यह सही बात है कि शिक्षक डरते हुए जांच करवा रहे हैं, क्योंकि कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जब व्यक्ति को लक्षण नहीं थे, लेकिन रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इसी के चलते जांच करवाते समय बेचैनी होती है और जब तक रिपोर्ट नहीं आ जाती है, तब तक मन में चिंता बनी रहती है।’

स्कूल खुलने पर पढ़ाने को लेकर कोई दिक्कत नहीं
प्रशांत रेडिज ने बताया कि शिक्षकों को स्कूल खुलने पर पढ़ाने को लेकर कोई दिक्कत नहीं है। शिक्षक जांच करवाकर स्कूल में रिपोर्ट भी जमा कर देंगे, लेकिन स्कूल का निर्जंतुकीकरण, थर्मल गन, ऑक्सीमीटर आदि की व्यवस्था स्थानीय प्रशासन कब करेगा। अभी तक किसी भी स्कूल का सैनेटाइजेशन नहीं हुआ है, किसी भी निजी और अनुदानित स्कूल में स्थानीय प्रशासन की तरफ से कुछ उपलब्ध नहीं करवाया गया है।

छुट्टी के दिनों में कोरोना जांच से परेशान शिक्षक
महाराष्ट्र राज्य शिक्षक परिषद के मुंबई विभाग के कार्याध्यक्ष शिवनाथ दराडे ने कहा कि सरकार ने ही दिवाली की छुट्टी घोषित की है। इसके चलते कई शिक्षक बाहर हैं। ऐसे में जीआर जारी करके कोरोना जांच के लिए कहा गया है। इससे जो शिक्षक बाहर गए हैं, वे कोरोना जांच को लेकर परेशान हैं। जो शिक्षक जहां निवास करते हैं, उनकी कोरोना जांच उनके निवास स्थान के पास करने की व्यवस्था होनी चाहिए, ताकि जांच के लिए शिक्षकों को दूर नहीं जाना पड़े। उन्होंने कहा कि शुक्रवार को कई ऐसे मामले सामने आए, जहां पर शिक्षकों को कोरोना जांच कराने के लिए परेशान होना पड़ा। कल्याण के अस्पताल में शाम साढ़े चार बजे वापस कर दिया गया और उन्हें शनिवार को बुलाया गया है।

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